मुंबई: पाकिस्तान के पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार की गलियों में 11 दिसंबर 1922 को एक ऐसे बच्चे का जन्म हुआ जो हिंदुस्तान का चमकता सितारा बना. जब दिलीप कुमार (Dilip Kumar) ने भारत की सरजमीं पर कदम रखा था, तब किसने सोचा होगा कि एक दिन ऐसा आएगा कि लोग उन्हें पलकों पर बिठाएंगे. दिलीप कुमार को देख-देख तमाम सितारों ने एक्टिंग सीखी है. इन्हीं में से एक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) भी हैं. दिलीप साहब को आइडियल मानने वाले अमिताभ ने बचपन की एक घटना से लेकर और दिलीप कुमार के साथ पहली फिल्म का जिक्र किया था.
दिलीप कुमार एक ऐसे संजीदा कलाकार थे जो बिना बोले ही कई बार अपने साथी कलाकारों को बहुत कुछ सिखा जाते थे. अमिताभ बच्चन के लिए दिलीप कुमार एक आइडियल थे. एक बार अपने ब्लॉग में अपने बचपन के दिनों की बातों को साझा करते हुए लिखा था ‘जब मैं छोटा था तो एक रेस्टोरेंट के पास हमें दिलीप कुमार दिख हुए. मैंने ऑटोग्राफ मांगने का सोचा लेकिन मेरे पास ऑटोग्राफ बुक नहीं थी. मैं उत्साहित था और दौड़ कर ऑटोग्राफ बुक लेकर आया और जब पहुंचा तो दिलीप साहब को रेस्टोमेंट में ही देख राहत की सांस ली. वह बात करने में मगन थे, मैंने उनकी तरफ बुक बढ़ा दी लेकिन उन्होंने कोई रिएक्शन नहीं दिया. उन्होंने मेरी तरफ देखा भी नहीं और थोड़ी देर में वो चले गए. मैं ऑटोग्राफ बुक हाथ में लिए खड़ा रहा लेकिन ऑटोग्राफ अहम नहीं था, अहम थी उनकी मौजूदगी’.
दिलीप कुमार की सीख
अमिताभ बच्चन जब फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बने तो उन्हें पहली बार फिल्म ‘शक्ति’ में दिलीप कुमार के साथ काम करने का और ये जानने का भी मौका मिला कि कलाकार की इज्जत कैसे करनी चाहिए. अमिताभ की आदत है कि वह अपनी फिल्मों के लिए काफी रिहर्सल करते हैं, आज भी करते हैं. जब पहली बार दिलीप साहब के साथ काम करने का मौका मिला तो कुछ ऐसा हुआ कि वह भूल नहीं पाए.
अमिताभ के रिहर्सल में खलल पड़ते देख चिल्ला पड़े थे दिलीप कुमार
अमिताभ जब फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बने तो पहली बार फिल्म ‘शक्ति’ में दिलीप कुमार के साथ काम करने का मौका मिला. इसके बारे में भी अमिताभ ने अपने ब्लॉग पर लिखा था ‘‘शक्ति’ में मुझे पहली बार दिलीप कुमार के साथ काम करने का मौका मिला, वो जो मेरे आदर्श थे. फिल्म के आखिर में मेरी मौत का सीन था जो मुंबई एयरपोर्ट पर फिल्माया गया था. जब मैं मौत वाले सीन का अकेले में रिहर्सल कर रहा था तब प्रोडक्शन और क्रू की तरफ से काफी शो हो रहा था. उस वक्त दिलीप कुमार रिहर्सल नहीं कर रहे थे लेकिन शोर सुनकर वो अचानक चिल्लाए और जोर से सबको चुप रहने को कहा था. उन्होंने कहा कि जब कोई कलाकार रिहर्सल कर रहा हो तो उस पल की अहमियत समझनी चाहिए और उस स्पेस की इज्जत करनी चाहिए. दिलीप कुमार जैसे दिग्गज कलाकार के लिए दूसरे कलाकार के लिए ऐसा करना उनकी महानता को दिखाता है’.
दिलीप कुमार की 100वीं जयंती
दिलीप कुमार की 100वीं जयंती को मनाने के लिए फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन फिल्में दिखा रहा है, इसका पोस्ट अमिताभ ने शेयर किया है.

(फोटो साभार: amitabhbachchan/Instagram)
दिलीप कुमार जैसे कलाकार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की शान हैं. कहते हैं कि दिलीप कुमार चलते-फिरते एक्टिग की पाठशाला जैसे थे. अमिताभ ही नहीं धर्मेंद्र और शाहरुख खान भी दिलीप साहब की तरह अदायगी करने की कोशिश करते रहे.
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Tags: Amitabh bachchan, Dilip Kumar, Entertainment Special
FIRST PUBLISHED : December 10, 2022, 12:04 IST