
वो पाकिस्तान (तब अविभाज्य भारत) के रावलपिंडी जिले के मटोर गांव में पैदा हुए थे. पढाई भी वही हुई. बाद में वह ब्रिटिश सेना में कैप्टेन बने. लेकिन असल में तब चर्चा में आए जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज में शामिल हो गए. वहां नेताजी के करीबी लोगों में रहने के साथ आजाद हिंद फौज में मेजर जनरल थे.जब आजाद हिन्द फौज ने समर्पण किया, तब ब्रिटिश सेना ने उन्हें पकड़कर लाल किले में डाल दिया. प्रसिद्ध लाल किला कोर्ट मार्शल ट्रॉयल हुआ. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनके लिए वकालत की. आज़ाद हिन्दुस्तान में लाल किले पर ब्रिटिश हुकूमत का झंडा उतारकर तिरंगा लहराने वाले जनरल शाहनवाजही थे. आज भी लालकिले में रोज़ शाम छह बजे लाइट एंड साउंड का जो कार्यक्रम होता है, उसमें नेताजी के साथ शाहनवाज की आवाज़ सुनाई पड़ती है