
नई दिल्ली. इजरायली स्क्रीनराइटर, लेखक और फिल्म निर्माता नादव लापिड (Nadav Lapid) ने 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के दौरान जूरी प्रमुख की हैसियत से फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को लेकर जो टिप्पणी की थी, उसके लिए माफी मांग ली. CNN-News18 से विशेष रूप से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसी का अपमान नहीं करना चाहता था. मैं अपने बयान पर पूरी तरह से माफी मांगता हूं. मेरा उद्देश्य कभी भी लोगों या उनके रिश्तेदारों का अपमान करना नहीं था, जो पीड़ित हैं. मैं पूरी तरह से माफी मांगता हूं अगर उन्होंने इस तरह से व्याख्या की है.
नादव लापिड ने कहा कि फिल्म को वलगर प्रोपेगेंडा कहा है और इस पर मैं अडिग हूं. उन्होंने कहा कि यह केवल मेरी टिप्पणी नहीं थी बल्कि जूरी में शामिल अन्य सदस्यों की सोच भी ऐसी ही थी. लापिड ने इस फिल्म को आईएफएफआई में शामिल करने पर नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि जूरी हैरान थी कि यह फिल्म आखिर इतने प्रतिष्ठित समारोह में शामिल कैसे हुई जबकि यह उसके लायक नहीं थी?
लापिड की अंग्रेजी कमजोर, लिखित बयान की जगह व्यक्तिगत बयान दे दिया
लापिड ने एक्सक्लूसिव बातचीत में जो कहा, उसके ठीक विपरीत जूरी के सदस्य सुदीप्तो सेन ने पहले कहा था कि लापिड द्वारा व्यक्त किए गए विचार ‘व्यक्तिगत’ थे. नादव लापिड की अंग्रेजी भी कमजोर है इसलिए उनके पास एक लिखित बयान था. सुदीप्तो सेन ने कहा कि लेकिन अचानक ही हमें बताया गया कि जो तय किया गया था, वह उसे पढ़ नहीं पा रहा था. लापिड ने अपना भाषण खुद लिखा. हमने सभी फिल्मों की खूबियों पर चर्चा की थी और जूरी के कमरे से बाहर उन चर्चाओं को नहीं जाना चाहिए.’
जिस फिल्म ने पुरस्कार नहीं जीता उस पर बात नहीं करनी चाहिए: सुदीप्तो सेन
सुदीप्तो सेन ने कहा कि लापिड का ऐसी किसी भी फिल्म के बारे में जिसने पुरस्कार नहीं जीता है, के बारे में बात करना IFFI की नैतिकता के खिलाफ है. सेन ने CNN-News18 को बताया कि नैतिकता तय करती है कि हम उन फिल्मों के बारे में बात करें जिन्होंने पुरस्कार जीते, न कि उन फिल्मों के बारे में जिन्होंने पुरस्कार नहीं जीते.
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Tags: The Kashmir Files
FIRST PUBLISHED : November 30, 2022, 22:59 IST