
उन्होंने आगे कहा, ‘हम जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों से आते हैं और दुनिया के अलग-अलग रास्तों से आते हैं, लेकिन जब हम कुछ देखते हैं, तो हम एक जैसे जोक्स पर हंसते हैं और एक ही चीजों पर रोते हैं. हम एक मंच पर एक साथ आए हैं.’ अमिताभ ने अपने पिता कवि हरिवंश राय बच्चन के बारे में एक छोटी सी घटना साझा की. उन्होंने साझा किया कि उनके पिता बार-बार हिंदी फिल्में क्यों देखते थे. उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता, एक महान कवि थे, जो अपने जीवन के अंतिम दिनों में हर शाम एक हिंदी फिल्म देखते थे, कभी-कभी एक ही फिल्म को दोहराते थे.’