
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म पुरस्कार ऑस्कर को लेकर हर किसी के मन में उत्सुकता रहती है. अभी तक चुनिंदा भारतीय फिल्मों को ही ऑस्कर से जुड़े अवार्ड मिले हैं. एक बार फिर 24 जनवरी की रात तक ऑस्कर जीतने वाली विदेशी भाषा की फिल्म की घोषणा हो सकती है. इस बार भारत से अलग-अलग कैटगरी में चार फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी गई हैं. बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म कैटगरी के लिए ‘छेल्लो शो’ (Chhello Show) को भेजा गया है, जबकि ओरिजनल म्यूजिक कैटगरी के लिए फिल्म ‘RRR’ के गीत ‘नाटू-नाटू’ को भेजा गया है. इसके अलावा एक गुजराती फिल्म और तेलुगू गीत भी हैं. लेकिन, आज हम इस साल के ऑस्कर पुरस्कार और उसमें भेजी गई फिल्मों के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. हम तो आज एक ऐसी फिल्म की बात कर हैं जो 60 साल से अधिक पुरानी है. वह पहली भारतीय फिल्म थी जिसे ऑस्कर के लिए भारत की ओर से आधिकारिक तौर पर भेजा गया था. उस फिल्म के साथ एक दुर्भाग्य भी जुड़ा है. वह फिल्म ऑस्कर जीतने से केवल एक वोट से चूक गई थी. वो एक वोट कम मिलने की कहानी भी कम रोचक नहीं है. फिल्म को लेकर वोटिंग रविवार को हुई और उस दिन विदेशों में आमतौर पर छुट्टी रहती है. इस कारण उस फिल्म को देखने के लिए जूरी के पूरे सदस्य ही नहीं पहुंचे और जो पहुंचे थे उनके बीच ही वोटिंग करवाई गई. इस वोटिंग में उस ‘बदकिश्मत’ भारतीय फिल्म को प्रतिद्वंद्वी फिल्म से एक वोट कम मिला.
खैर, इस कहानी को आज यहीं छोड़ते हैं और उस ऐतिहासिक फिल्म के बनने की कहानी की बात करते हैं. यह फिल्म का नाम है ‘मदर इंडिया’. इस फिल्म में अपने दौर की सुपरस्टार एक्ट्रेस रहीं नरगिस ने एक बूढी मां का किरदार किया था. फिल्म के निर्देशक और निर्माता महबूब खान थे. इस फिल्म के लिए महबूब ने अपना घर-बंगला सब कुछ गिरवी रख दिया था. 1955 से 1957 तक करीब ढाई साल में बनी इस फिल्म को बनाने में उस वक्त 30 लाख रुपये लगे थे. फिल्म की शूटिंग के दौरान की कई घटनाएं घटी थी. एक बार तो सेट पर आग लग गई और उसमें नरगिस घिर गईं. उन्हें सुनील दत्त ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाया था. हालांकि, इस दौरान दोनों मामूली झुलस भी गए थे.
मदर इंडिया में नरगिर से बेटे बने थे सुनील दत्त
मदर इंडिया की कहानी बेहद मार्मिक है. एक भारतीय महिला का खुशहाल परिवार बाढ़ की वजह से कंगाली का शिकार हो जाता है. उस दौरान महिला का पति घर छोड़कर चला जाता है. फिर उसका बड़ा बेटा बिरजू मां के अपमान का बदला लेने के लिए गुंडा बन जाता है, जिसे वह खुद बाद में गोली मार देती है. इस फिल्म में गरीब महिला, जिसका नाम राधा रहता है, उसका किरदार नरगिस ने निभाया है, जबकि राधा के बड़े बेटे बिरजू का किरदार सुनील दत्त ने निभाया था. फिल्म की शूटिंग के दौरान ही दोनों करीब आते हैं और फिर दोनों ने शादी कर ली. यह आज से 60 साल पहले की बात है. उस वक्त मजहब की दीवार तोड़ नरगिस ने सुनील दत्त से शादी की थी.
दिलीप कुमार ने ठुकरा दिया था ऑफर
मदर इंडिया फिल्म के निर्माता निर्देशक महबूब खान थे. उस वक्त के सुपर स्टार दिलीप कुमार ने उनकी कई फिल्मों में काम किया था. मदर इंडिया के लिए कलाकारों के चयन के वक्त महबूब खान चाहते थे कि दिलीप कुमार जिनका मूल नाम युसूफ खान था, राधा के पति और बड़े बेटे दोनों का किरदार निभाएं. इसके लिए उन्होंने दिलीप कुमार से कई बार अनुरोध किया लेकिन बाद में दिलीप कुमार ने स्पष्ट तौर मना कर दिया. इस पूरे वाक्ये का जिक्र अनिता पाध्वे ने दस क्लासिक्स नाम से लिखी अपनी किताब में की है. बाद में मदर इंडिया की सफलता के बाद ऐसा कहा जाने लगा कि दिलीप कुमार चूक गए और वह अपने जिगरी दोस्त की यारी नहीं निभा पाए.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Bollywood movies, Oscar Awards
FIRST PUBLISHED : January 24, 2023, 16:01 IST