
हाइलाइट्स
बायोगैसे से पुरानी सीएनजी कार चलाने के लिए कुछ बदलाव करने होंगे.
गोबर गैस से चलने वाली कारों का माइलेज अच्छा होगा और ये सस्ती पड़ेंगी.
ये कार सीएनजी और एलपीजी कारों के मुकाबले ज्यादा सेफ होंगी.
नई दिल्ली. मारुति सुजुकी ने हाल ही में बायोगैस टेक्नोलॉजी पर काम करने की घोषणा की. इसके लिए सुजुकी ने केंद्र सरकार के कुछ उपक्रमों से भी साझेदारी की बात कही है. कंपनी सीएनजी कारों को ही बायोगैस से चलाने की बात कर रही है. फिलहाल आ रही सीएनजी कारों में ही कुछ बदलाव कर इन्हें बायोगैसे से चलाया जाएगा. ये एक बेहद सस्ता और टिकाऊ फ्यूल होगा जिसकी कभी कोई कमी भी नहीं पड़ेगी. हालांकि अब बड़ा सवाल ये है कि जो लोग सीएनजी कारें चला रहे हैं क्या उनकी कार में ये बदलाव किया जा सकेगा और इसका कितना खर्च आएगा.
बायोगैस से कार चलाने के जुगाड़ पहले भी इंडिया में कुछ लोग स्थानीय स्तर पर कर चुके हैं लेकिन ये सक्सेसफुल नहीं रहा है, उसके कई कारण भी है. अब कंपनी इसके लिए बड़े बदलाव करेगी. आइये समझें क्या है बायोगैस और क्या कहते हैं इसको लेकर एक्सपर्ट्स….
क्या है बायोगैस
कचरे से बनने वाली गैस, यानि खेत से निकलने वाला कचरा, म्युनसिपल वेस्ट, हरा कचरा, गोबर, सीवेज वेस्ट जैसी चीजों से बनने वाली गैस को बायोगैस कहते हैं. ये माइक्रोआग्रेनिज्म के प्रोसेस करने पर बनती है. ये मुख्यतः तीन गैसों का मिश्रण होती है. इसमें मीथेन, कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड होती है. ये एक रिन्युएबल एनर्जी रिसोर्स है.
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क्या पुरानी सीएनजी कार चल सकेगी
बायोगैस में माइस्चर ज्यादा होती है, ऐसे में पुरानी सीएनजी कार को चलाने के लिए इसमें कुछ बदलाव करने होंगे. हालांकि पुरानी सीएनजी कारें भी इस पर चलाई जा सकेंगी. और इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं आएगा.
क्या होंगे बदलाव
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट दीपक सिंह रावल का कहना है कि बायोगैस से कार चलाने के लिए सीएनजी किट का डायाफ्राम बदलना होगा. बायोगैस में माइस्चर ज्यादा होगी ऐसे में हैवी डायाफ्राम का यूज करना होगा. इसके साथ ही एक हीटर भी इसमें देना होगा. खासकर ठंडे इलाकों में बायोगैस की कार स्टार्टिंग और मिसिंग की प्रॉब्लम कर सकती हैं क्योंकि इसमें माइस्चर होगी. वहीं पेट्रोल इनलाइन में भी बदलाव करने होंगे. पेट्रोल इंजेक्टर्स का डिजाइन इसके लिए बदलना होगा.
कितना आएगा खर्च
इस संबंध में इंजन मॉडिफायर ऋषि राज का कहना है कि बायोगैस से कार चलाने और इसे पुरानी कार में लगाने का खर्च ज्यादा नहीं आएगा. इसके लिए कार के सीएनजी किट में डायाफ्राम, हीटर और पेट्रोल इनलाइन के साथ ही कंट्रोलर को बदलना होगा. उन्होंने कहा कि, हालांकि इसका फिलहाल अनुमान ही लगाया जा सकता है. फिर भी इसका खर्च 15 से 30 हजार रुपये के बीच बैठ सकता है. वहीं कंपनी यदि किट देती है तो इसका खर्च कुछ ज्यादा होगा.
माइलेज पर क्या होगा असर
बायोगैस से कार चलाना सस्ता होगा. क्योंकि ये गैस सस्ती होगी और कंबशन रेट अच्छा होने के चलते इससे चलने वाली कारें माइलेज भी अच्छा देंगी. सीएनजी और बायोगैस का वेट भी लगभग बराबर है लेकिन कंबशन रेट हाई होने के कारण वेस्टेज कम होगी और माइलेज अच्छा मिलेगा.
क्या सेफ होंगी कार
बायोगैस की कारें सीएनजी और एलपीजी कारों के मुकाबले काफी सेफ होंगी. माइस्चर कंटेंट ज्यादा होने के कारण इनमें आग लगने का खतरा काफी कम होगा. वहीं एलपीजी कारों के साथ आने वाली गंध की समस्या भी इन कारों में नहीं होगी.
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Tags: Auto News, Car Bike News, Cng car, CNG price
FIRST PUBLISHED : January 30, 2023, 13:21 IST