
रिपोर्ट: हिमांशु जोशी
पिथौरागढ़. उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. यहां तमाम ऐसे प्राकृतिक रूप से बने हुए नजारे हैं, जिन्हें निहारने के लिए पर्यटक पूरे देश से पहुंचते हैं. ऐसा ही प्राकृतिक रूप से बना ताल कालीताल है, जो पिथौरागढ़ के बेरीनाग तहसील में पड़ता है. कालीताल में गिरने वाला झरना इसका मुख्य आकर्षण का केंद्र है. यही वजह भी है कि यहां पहुंचने वाले पर्यटक इस ताल में डुबकी लगाने से खुद को नहीं रोक पाते. हालांकि कई बार लोग हादसे का शिकार हो जाते हैं.
कालीताल दिखने में जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी. यहां पिछले चार सालों में चार लोगों की मौत नहाने के दौरान हो चुकी है. फिलहाल बेरीनाग के कांडा-किरौली गांव में स्थित इस कालीताल में नहाने पर स्थानीय प्रशासन में पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन अभी भी पर्यटक यहां डुबकी लगाते हुए देखे जा सकते हैं.
कालीताल की गहराई बन जाती है मौत कारण
बेरीनाग मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर कांडा किरौली गांव में स्थित कालीताल पिछले कुछ सालों में पिथौरागढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल बनकर उभरा है. थल के रास्ते चौकोड़ी जाने वाले पर्यटक यहां इस ताल का दीदार करने पहुंचते हैं. कालीताल की गहराई को लेकर कई बार लोग गलत अंदाजा लगा बैठते हैं, जो कि मौत की वजह भी बनता है.
हालांकि यहां सुरक्षा की दृष्टि से देखा जाए तो सिर्फ चेतावनी बोर्ड ही लगा हुआ है. अन्य किसी भी प्रकार के कोई पुख्ता इंतजाम यहां अभी तक नहीं हो पाए हैं. कालीताल पर्यटक स्थल के रूप में अपनी पहचान तो बना चुका है, लेकिन यहां पर्यटकों के लिए ऐसी कोई सुविधा नहीं है, जहां वो कुछ देर आराम से रुककर झरने और ताल का लुत्फ उठा सकें.
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FIRST PUBLISHED : January 12, 2023, 10:51 IST