कपिल ठाकुर
शिमला. हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पौंग डैम में इन दिनों देश-विदेश से भारी तादात में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक लंबी पूंछ वाली साइबेरियन बत्तख देखी गई. झील में विचरण करने हर साल की तरह इस साल भी उत्तर, पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत के अलावा हजारों विदेशी प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. विदेशी पक्षियों की संख्या पिछले वर्ष 1,10,309 थी, जो इस वर्ष 1,17,022 हो गई है. इन दिनों ज्यादातर पक्षी तिब्बत, मध्य एशिया, रूस और साइबेरिया के ट्रांस हिमालयी क्षेत्र से पोंग झील की ओर पलायन करते हैं.
वन्य प्राणी विभाग के प्रमुख राजीव कुमार ने बताया कि पौंग में पहुंचीं अन्य प्रजातियों में लैसर व्हाइट फ्रंटेड गूज, रेड क्रस्टेड पोचर्ड,फेरुजिनस पोचर्ड, पाइड एवोकेट, नॉर्दर्न लैपविंग, कॉमन केस्ट्रेल प्रमुख हैं. उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक लंबी पूंछ वाली साइबेरियन बत्तख देखी गई. पक्षी सर्वेक्षण के दौरान एक रिंग्ड बार हेडेड गूज भी देखा गया है. पिछले कुछ वर्षों से पौंग झील भी प्रवासी पक्षियों के लिए सर्दियों में विचरण करने के लिए एक आदर्श स्थल बन गया है.
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राजीव कुमार ने बतायि क पौंग झील में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी वार्षिक जल पक्षी सर्वेक्षण 2023 30 और 31 जनवरी को किया गया. पक्षी सर्वेक्षण के दौरान रिकॉर्ड किए गए पक्षियों की कुल संख्या 1,17,022 पाई गई, जिनमें 108 प्रजातियां शामिल हैं. इस बार पहले की तुलना में ज्यादा पक्षी पहुंचे हैं.
डीएफओ वन्य प्राणी विंग हमीरपुर रेगिनॉल्ड रॉयस्टॉन ने बताया कि 30 तथा 31 जनवरी को वन्य प्राणी विंग, वन विभाग के कर्मियों के साथ-साथ वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, दि बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी सहित राज्य जैव प्रौद्योगिकी बोर्ड तथा पक्षी प्रेमियों के सहयोग से करवाई गई गणना के अनुसार इस वर्ष 108 प्रजातियों के एक लाख सत्रह हज़ार बाइस मेहमान परिंदों ने अब तक दस्तक दी है. जबकि आने वाले दिनों में पक्षियों की आबादी और प्रजातियों की संख्या उनके प्रजनन स्थलों में वापसी के दौरान बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि अब उत्तर- पश्चिम मध्य और दक्षिण भारत से पक्षियों का पौंग झील में आगमन शुरू हो जाएगा.

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के पौंग डैम में इन दिनों देश-विदेश से भारी तादात में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं.
पहली बार मिली एक नई प्रजाति, लंबी पूंछ वाली बत्तख
डीएफओ ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष पहली बार सुगनाड़ा क्षेत्र में बोटिंग पॉइंट के पास लम्बी पूंछ वाली बतख पाई गई है. यह बतख अधिकतर अमेरिकन महाद्वीप में पाई जाती है. इससे पहले भारत में कश्मीर घाटी में ही इस प्रजाति की एक बत्तख पाई गई है. इस वर्ष अन्य प्रमुख प्रजातियों में यूरेशियन कूट (13035), उत्तरी पिंटेल (15784), कॉमन टील (6478) हैं। कॉमन पोचर्ड (8096), यूरेशियन कबूतर (1674), लिटिल कॉर्मोरेंट (6565), नॉर्दर्न शोवेलर (1518) और ग्रेट कॉर्मोरेंट (2768) झील में रिपोर्ट की गई जबकि अन्य असामान्य प्रजातियों में लेसर व्हाइट, फ्रंटेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोचर्ड, फेरुगिनस पोचर्ड, पाइड एवोकेट, नॉर्दर्न लैपविंग, कॉमन केस्ट्रेल पाई गई. मतगणना अभ्यास के दौरान एक रिंग्ड बार-हेडेड गूज भी देखा गया.
क्या बोले मंत्री चंद्र कुमार
कृषि मंत्री चंद्र कुमार का कहना है कि पौंग झील में पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं तथा इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिये हर संभव प्रयास किये जाएंगे, जिससे स्थानीय लोगों विशेषकर वेरोजगार युवाओं को रोज़गार व स्वरोजगार के बेहतर अवसर सुनिश्चित हो सकें. उपायुक्त डॉ निपुण जिंदल ने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सूक्खु के दिशानिर्देशानुसार इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इको टूरिज्म सहित अन्य रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को विकसित करने की संभावनाओं पर विशेष कार्य किया जाएगा.
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Tags: Kangra News, Kangra Valley, Rare Bird, Wild Life Photographer
FIRST PUBLISHED : February 06, 2023, 14:10 IST