
सबसे बड़ा सवाल यही है कि इस बार विधानसभा चुनाव के नेतृत्व की जिम्मेदारी किन्हें सौंपी जाएगी? पार्टी अशोक गहलोत पर ही भरोसा जताएगी या फिर सचिन पायलट को बागडोर सौंपी जाएगी? फिलहाल यह कहना काफी मुश्किल है, लेकिन क्या सचिन पायलट के सक्रिय होने से ठोस संकेत देने की कोशिश की जा रही है? कांग्रेस में गुटबाजी से पार्टी की मुश्किलें फिर से जरूर बढ़ सकती हैं. (सचिन पायलट के फेसबुक अकाउंट से साभार)