
इजरायल और हिज्बुल्लाह सीजफायर (Israel-Hezbollah Ceasefire) समझौते पर सहमत हो गए हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल, लेबनान में हिज्बुल्लाह के साथ लड़ाई खत्म करने के लिए युद्धविराम समझौते पर सहमत हो गया है. इस समझौते के बाद माना जा रहा है कि इस इलाके में रहने वाले आम लोग राहत की सांस लेंगे और लगातार हो रहे हमले रुक जाएंगे.
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि उनकी सरकार हिज्बुल्लाह के साथ युद्धविराम के लिए तैयार है. साथ ही कहा कि लेबनान युद्ध के खत्म होने से इजरायल को हमास और कट्टर दुश्मन ईरान पर अपना ध्यान केंद्रित करने का मौका मिलेगा.
इजरायल पर युद्धविराम का था दबाव
अमेरिका, यूरोपीय संघ, संयुक्त राष्ट्र और जी7 ने लेबनान में एक साल से अधिक समय तक सीमापार से गोलीबारी और दो महीने के भीषण युद्ध के बाद इजरायल और ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के बीच लड़ाई को रोकने के लिए दबाव डाला है
प्रधानमंत्री की घोषणा बेरूत पर बड़े हमले के बाद हुई, जिसमें शहर के केंद्र में कई हमले शामिल थे. इजरायल ने जमीनी सेना भेजने से पहले सितंबर के आखिर में लेबनान में अपना हवाई अभियान तेज कर दिया था.
इजरायल पर समझौते को स्वीकार करने का दबाव लगातार बढ़ रहा था, जी7 के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को “तत्काल युद्धविराम” का आह्वान किया था.
नेतन्याहू के भाषण के बाद लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने एक बयान में मांग की कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय संघर्ष विराम के तत्काल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए “तेजी से कार्य करें”.
इजरायल ने बहुत कुछ हासिल किया : नेतन्याहू
मिडिल ईस्ट स्पेक्टेटर के मुताबिक, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि इजरायल, लेबनान में हिज्बुल्लाह के साथ अस्थायी युद्धविराम स्वीकार करेगा, उन्होंने कहा कि इस युद्ध में इजरायल ने ‘बहुत कुछ हासिल किया’ है. साथ ही नेतन्याहू ने कहा कि लेबनान में इस युद्धविराम के दौरान, हम ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करेंगे.
इसके साथ ही नेतन्याहू ने हिज्बुल्लाह के साथ युद्धविराम समझौते को लेकर बातचीत के पीछे तीन कारण बताए हैं. उन्होंने कहा कि हम ईरान के खतरे पर ध्यान केंद्रित करेंगे. साथ ही इसके पीछे उन्होंने हथियारों की आपूर्ति में देरी को कारण बताया. हालांकि कहा कि इसे जल्द ही हल कर लिया जाएगा. वहीं तीसरे कारण के बारे में उन्होंने हमास को अलग-थलग करना बताया है.
कई मुद्दों पर बातचीत के बाद समझौते पर पहुंचे
नेतन्याहू ने रविवार रात इजरायली अधिकारियों के साथ सुरक्षा परामर्श के दौरान हिजबुल्लाह के साथ युद्धविराम के लिए अपनी संभावित स्वीकृति का संकेत दिया था. नेतन्याहू के प्रवक्ता ने कहा था कि इजरायली कैबिनेट मंगलवार को प्रस्तावित समझौते पर मतदान करेगी और इसके पारित होने की उम्मीद है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया था कि इजरायल को समझौते के कुछ विवरणों पर संदेह था. कई मुद्दों को लेकर बातचीत के बाद ये समझौता फाइनल हुआ है.
इजरायल पिछले कुछ वक्त से ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिज्बुल्लाह के साथ कई महीनों से युद्ध में हैं. हिज्बुल्लाह ने एक साल से अधिक वक्त पहले इजरायल पर रॉकेट और प्रोजेक्टाइल से हमला करना शुरू किया था, जिसके बाद तेल अवीव ने जवाबी कार्रवाई की. हिज्बुल्लाह ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हमास का समर्थन करता रहा है, जिसे वह अपना सहयोगी मानता है.
इजरायल और हमास अक्टूबर 2023 से युद्ध में हैं, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर दिया था और कई इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया था. इजरायल द्वारा आतंकवादी हमले का जवाब देने के बाद युद्ध शुरू हुआ था. उसके बाद से ही पश्चिम एशिया में युद्ध के कारण इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विनाश हुआ और हजारों लोगों की मौत हो गई थी.
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