समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद जया बच्चन के नाम को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ है. जया बच्चन ने अपने नाम में अमिताभ जोड़ने को लेकर आपत्ति जताई है. सांसद जया बच्चन ने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि मैं एक कलाकार हूं. बॉडी लैंग्वेज समझती हूं. एक्प्रेशन समझती हूं…सर मुझे माफ करिएगा, मगर आपका टोन जो है, वह ठीक नहीं है. जया बच्चन की टिप्पणी पर सभापति ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि आप बैठ जाएं. सत्ता पक्ष ने इस मामले पर जब शोर मचाया तो धनखड़ ने कहा, ‘मुझे पता है कि कैसे निपटना है.’ उन्होंने कहा ‘जया जी आपने बड़ा सम्मान हासिल किया है. आप जानती हैं कि एक एक्टर डायरेक्टर का सब्जेक्ट है. आप वो नहीं देख पाती हैं, जो मैं यहां से देखता हूं.’ मेरी टोन, मेरी भाषा मेरे टेंपर पर बात की जा रही है. पर मैं किसी और की स्क्रिप्ट के आधार पर नहीं चलता, मेरे पास अपनी खुद की स्क्रिप्ट है.
राज्यसभा के सभापति पर भड़कीं जया बच्चन, बोलीं- ‘बॉडी लैंग्वेज समझती हूं’#RajyaSabha | #JayaBachchanhttps://t.co/8MzM8eHaWv
— NDTV India (@ndtvindia) August 9, 2024
सभापति ने कड़े शब्दों में कहा कि मैं यह सब बर्दाश्त नहीं करूंगा. इसके बाद पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से जमकर हंगामा होने लगा और नाराज विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया. सदन में विपक्ष के कई सदस्य नेता प्रतिपक्ष को बोलने का अवसर दिए जाने की मांग कर रहे थे. सदन के बाहर इस मुद्दे पर पत्रकारों से बात करते हुए सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, “मैंने सभापति के टोन पर आपत्ति जताई है. हम स्कूल के बच्चे नहीं हैं. हम सब वरिष्ठ हैं, खासकर जब नेता विपक्ष (मल्लिकार्जुन खरगे) बोलने के लिए खड़े हुए उन्होंने माइक बंद कर दी. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? ये परंपरा के खिलाफ है. अगर आप उन्हें बोलने नहीं देंगे तो हम क्या करने आए हैं? वो हमेशा असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि आप सेलिब्रेटी होंगी मुझे फर्क नहीं पड़ता… ये महिलाओं का अपमान है. मुझे माफी चाहिए.”
सोमवार को भी नाम पर हुआ था हंगाम
जया बच्चन ने सोमवार को भी राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा सदन में उनका पूरा नाम पुकारे जाने पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने राज्यसभा के सभापति से कहा था कि मुझे अपने नाम, पति के नाम और उनकी उपलब्धियों पर गर्व महसूस होता है. यह आप सभी का शुरू किया गया एक नया नाटक है. ऐसा पहले नहीं होता था. इसके जवाब में उपराष्ट्रपति ने बताया कि चुनाव प्रमाण पत्र पर जो नाम लिखा है, उसे बदलने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि अमिताभ बच्चन की उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है. हालांकि, चुनाव प्रमाण पत्र में जो नाम लिखा है, वही इस्तेमाल होता है और आप नाम बदलवा सकती हैं, इसके लिए प्रावधान है.
इस बीच सपा सांसद ने यह भी सवाल उठाया कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने नाम के बाद अपनी पत्नी का नाम क्यों नहीं जोड़ा. उन्हें जोड़ना चाहिए. इस पर खट्टर ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि जहां तक मेरी पत्नी के नाम की बात है, इस जन्म में तो संभव नहीं है. इसके लिए अगले जन्म तक इंतजार करना होगा.
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